
भारत सरकार CSC (Common Service Centres) के माध्यम से "स्त्री-स्वाभिमान" योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओ के लिए सस्ते सैनिटरी नैपकिन्स बनाने के लिए माइक्रो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित कर रही है।
इन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का उद्देश्य है कि स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को सस्ते दामों पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराया जा सके और उन्हें इसके प्रयोग की जानकारी दी जा सके।
अब तक पुरे देश में 32 माइक्रो यूनिट्स की शुरुवात हो चुकी है, जिसके द्वारा स्थानीय स्तर पर सैनिटरी नैपकिन्स बनाये जा रहे है और इससे ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो को रोजगार के अवसर भी मिल रहे है।
इन यूनिट्स को देश भर में मुख्यतः ग्रामीण महिलाओ द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसके द्वारा देश भर में करीब 46,500 महिलाओ को रोजगार मिला है।
आईटी मिनिस्टर श्री रवि शंकर प्रसाद जी ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान CSC के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की यह योजना महिलाओ के अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक है और साथ ही भविष्य में ऐसी और भी योजनाओ का शुभारम्भ किया जायेगा, जिससे स्त्री स्वाभिमान को बल मिले।
श्री रवि शंकर प्रसाद जी ने देश भर से आयी करीब 2000 महिलाओ को कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि "स्त्री-स्वाभिमान" योजना के तहत देश भर में महिलाओ और बच्चियों को सस्ती दरों पर सैनिटरी नैपकिन्स मुहैया कराया जाएगा।

इसी कार्यक्रम में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन का भी उद्धघाटन किया गया, जिसे महराष्ट्र के जलगांव स्थित एक महिलाओ के समूह ने बनाया है , जिसमे मात्र 5 रुपये का सिक्का डालकर एक सैनिटरी पैड खरीदा जा सकता है।
HDFC बैंक ने भी सरकार के इन प्रयासों की प्रशंसा की और सैनिटरी नैपकिन्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना में अपना सहयोग देने की घोषणा की।